पहचान तेरी
गिर गिर कर उठ
उठ उठ कर गिर
गिर कर उठना
पहचान तेरी
यह जीवन है
इस में घिरना
लड़कर आना
पहचान तेरी ।
सुख सुख कर,
सूख गए तुम हो
ग़म से कर ले
पहचान तेरी ।
यह जीवन ग़म से
सजता है,
ग़म से लड़ने में
शान तेरी ।
आंसू छलके,
जब ग़म जीते
यह सुख के आंसू
शान तेरी ।
गिर गिर कर उठ
उठ उठ कर गिर
गिर कर उठना
पहचान तेरी
_ संकल्प सक्सेना.
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