Friday, January 25, 2013

यादों के दिए


यादों के दिए

बनके तेरी यादों के दिए , जलते हैं 
ये ज़मीन आसमां तले, जलते हैं 

कट रही है ये ज़िन्दगी 
सहमी राहें हैं 
है गुज़ारिश कि हो सेहर 
तेरे शाने में 

खो रहा हूँ मैं बेवजह ,तेरे कूंचे में 
अब न दरकार है मुझे ,इस ज़माने से 

मैं पनाहों में हूँ तेरी,बज़्म कहती है 
कर दे एक नज़्म तू अदा, शान - ए - महफ़िल में 

दिल की गहराईयों में आज , बेरहम बेनज़ीर 
आज हम बेक़स - ए - चिराग, जलते हैं 

बनके तेरी यादों के दिए , जलते हैं 
ये ज़मीन आसमां तले, जलते हैं 
                                      ____संकल्प सक्सेना 'लवि'
कूंचे: गली ,बेनजीर: unmatchable / uncomparable ,बेक़स : Lonely 

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