दिल की क़लम से
Sunday, October 13, 2013
पंछी बन पन्ने उड़े, आशाओं के पार
जीवन ज्योति खिल उठी, अरमां तारणहार ।।
जीवन पन्नों की किताब, ये रंगों का खेल
जीवन पन्ने ख़त्म हुए, कर्मों से है मेल ।।
__ संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
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