तुम्हारी नज़र...For My Love
तुम्हारी नज़र
तुम्हारी नज़र का ,असर कुछ हुआ है
कि धड़कन मेरी, साज़ तेरी दुआ है।
अभी तुझसे मिलने का, पैग़ाम लेकर
हवा जो मिली, वो तेरी ही अदा है।
अदाओं के जलवों में, खोए हुए हम
मेरी आह में, आज कैसा नशा है।
खिली है कली देखो, महका चमन है
सजा गुलसितां और बहकी फ़िज़ा है।
तुम्हारी निगाहों में खोए हुए हम
मेरी ईद हो, अब तू ही आसरा है।
__ संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।