Saturday, May 3, 2014


अर्थ-१ 

खोज रहे थे अर्थ 
जीवन क्यों है व्यर्थ 
भटके है ज़िन्दगानी
चारों तरफ़ अनर्थ।

अर्थ में ढूंढें अर्थ 
जीवन बना है नर्क 
नहीं मिलेगा कुछ भी 
खोज रहेगी व्यर्थ।

प्रेम का ढूंढो अर्थ 
जीवन बनेगा स्वर्ग 
गुरु प्रेम हो जाए 
तो पा जाओगे अर्थ।

राहें बड़ी कठिन हैं 
रुकना नहीं डगर में 
'मुरीद' बनके चलना 
मुराद होगा अर्थ।
__ संकल्प सक्सेना 'मुरीद'। 


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