सफ़र
नज़दीकियों में फ़ांसला , फिर भी सफ़र चलता रहा,
और राह - ए - इश्क़ पर, आशिक़ सदा बढ़ता रहा।
खो जाऊंगा मैं इश्क़ में, ये आशिक़ी का दौर है
तदबीर से तक़दीर है, ताबीर तू करता रहा।
मुख़्लिस मेरा है आइना, है शौक़ तुझको देखना
ममनून हूँ मैं इस क़दर, साया तेरा पड़ता रहा।
अत्फ़ाल है अब हिज्र ये,इसका मुझे कुछ ग़म नहीं
मुझको तो बस है डूबना, दिल की सदा सुनता रहा।
आब-ए-आतिश बह चला, पलकें मेरी छोड़ कर,
हुस्न पे इश्क़ है हिज़ाब, दीदार यूं होता रहा।
रंगीं फ़ज़ा-ए-दीद में, कुछ इस तरह खोया 'मुरीद',
रंगीनियों में इश्क़ की, तेरा नशा चढ़ता रहा ।
__ © संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
तदबीर: प्रयत्न/कर्म
ताबीर: फ़लादेश
मुख़लिस: beloved
अत्फ़ाल: बच्चों जैसा
आब-ए-आतिश: liquid fire
नज़दीकियों में फ़ांसला , फिर भी सफ़र चलता रहा,
और राह - ए - इश्क़ पर, आशिक़ सदा बढ़ता रहा।
खो जाऊंगा मैं इश्क़ में, ये आशिक़ी का दौर है
तदबीर से तक़दीर है, ताबीर तू करता रहा।
मुख़्लिस मेरा है आइना, है शौक़ तुझको देखना
ममनून हूँ मैं इस क़दर, साया तेरा पड़ता रहा।
अत्फ़ाल है अब हिज्र ये,इसका मुझे कुछ ग़म नहीं
मुझको तो बस है डूबना, दिल की सदा सुनता रहा।
आब-ए-आतिश बह चला, पलकें मेरी छोड़ कर,
हुस्न पे इश्क़ है हिज़ाब, दीदार यूं होता रहा।
रंगीं फ़ज़ा-ए-दीद में, कुछ इस तरह खोया 'मुरीद',
रंगीनियों में इश्क़ की, तेरा नशा चढ़ता रहा ।
__ © संकल्प सक्सेना 'मुरीद'।
तदबीर: प्रयत्न/कर्म
ताबीर: फ़लादेश
मुख़लिस: beloved
अत्फ़ाल: बच्चों जैसा
आब-ए-आतिश: liquid fire
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