मैंने तुम्हारे दिल से, वही बात कही है
जो बात मेरे दिल में, सदियों से दबी है।।
आँखों में मेरे प्यार के, जज़्बात वही हैं
जो हर जिगर के पार हो, ये बात वही है।।
मैं हूँ, ये शोख़ हुस्न है, ये रात वही है
बरसात में निकल रहा, महताब यही है।।
दीवानगी में गा रहा, ये गीत पुराना
मेरे लबों से बह रही, ये कैसी ख़ुशी है ।।
तुमको हमारे प्यार पर, क्यूँ हो न ऐतबार
जो लिख रहे 'मुरीद' हैं वो, तूने ही दी है ।।
__ संकल्प सक्सेना 'मुरीद' ।
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